Hindu Rasht Kyu Chahiye

 भारत आज एक बेहद निर्णायक मोड़ पर खड़ा है । 1947 एक गृहयुद्ध था जिसमें भारत के दो टुकड़े कर दिए गए और जिहादियों की आबादी अब इस हद तक बढ़ चुकी है की भारत एक दूसरा 1947 अपने सामने खड़ा देख रहा है । फुलवारी शरीफ में जिहादियों के हाथ से जो दस्तावेज पुलिस ने जब्त किए हैं उसमें 2047 तक भारत को पूरी तरह इस्लामिक मुल्क बना देने का ख्वाब देखा गया है ! लेकिन जब भारत 2047 से सिर्फ 25 साल दूर है! तब हमारे देश के हिंदू नेता, अभिनेता, पत्रकार, वकील, समाज सेवक, उद्योगपति, बुद्धिजीवी, साधु-संत-कथावाचक एवं हिंदुत्ववादी संगठन आखिर क्या कर रहे हैं ? इसलिए सभी अपने लिए नहीं धर्म, देश, संस्कृति, आजादी, लोकतंत्र एवं संविधान की रक्षा के लिए विचार करें...

हिन्दु राष्ट्र क्यो?

कुछ समय पहले तस्लीमा नसरीन ने कहा कि भारत इस्लामिक मुल्क बन जाए इससे अच्छा होगा कि भारत हिन्दू राष्ट्र ही बन जाए । वे भारत को हिन्दू राष्ट्र बना देने की बात क्यों कर रही हैं ? क्या उन्हे भारत और उसके विभिन्न समुदायों से जुड़े सभी नागरिकों का भविष्य हिन्दूओ के शासन मे बेहतर और सुरक्षित लगता है ! क्या वह कुरान प्रेरित इस्लामिक जिहाद और भारत मे मजहबी आतंकी के बढते खतरे को भांप रही हैं, जो भारत के लोकतंत्र संविधान व समावेशी संस्कृति के ऊपर मंडराने वाला है।

हिन्दु राष्ट्र क्यो?


क्या वह भारत के सेकुलरों के फर्जिवाडे को समझ रही हैं कि फर्जी सेकुलरीजम अन्ततः इस्लामिक कट्टरता को उभारने के लिए ढाल की तरह इस्तेमाल हो रहा है !

Hindu Rasht Kyu Chahiye

तस्लीमा को पता है कि जब इस्लामिक कट्टरपंथ चरम पर जायेगा तो वह जावेद, नसीरुद्दीन, सैयद जफरवाला, गुलाम नबी को नही सुनेगा और न ही सुनेगा राहुल, अखिलेश, मायावती, लालू यादव को और लोकतंत्र तथा संविधान को तत्काल फना होना होगा !

फिर वह किसकी सुनेगा, तस्लीमा को वह भी पता है ! वह कुरान से निकलती सिर्फ एक आवाज सुनेगा - अल्लाह और कुरान को न मानने वाले काफिरों को मार दो और उनके जर-जोरू-जमीन को लूट लो !

तस्लीमा उस भयावहता को समझ रही हैं, महसूस कर रही हैं तथा भारत को आगाह कर रही हैं कि-अभी वक्त है सम्भल जाओ। वर्ना संविधान लोकतंत्र और देश बचाने का नाटक जो चल रहा है उसमें सबसे पहले उसे सपोर्ट करने वाले सेकुलर ही हलाल किये जायेंगे !

तस्लीमा जानती हैं कि रेडीकलाइजेशन के सूत्र कुरान मे मौजुद हैं -तस्लीमा को पता है आतंक का पिता और पहला आतंकी कौन था ! तस्लीमा इसिलिए भारत की सभ्यता, संस्कृति, लोकतंत्र तथा संविधान बचाने के लिए हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात कह रही हैं।

तस्लीमा की इस्लाम की समझ पर मुझे तो कोई संदेह नही है। हो सकता है वह हिन्दू , हिन्दुत्व और हिन्दुवाद को पूरी तरह न समझती हों पर कुरान व उससे जन्मे आतंक को तो उन्होंने जिया, झेला और अनुभव करके शब्द व वाणी दी है। इसलिये तस्लीमा की बात भारत के नीति नियंताओं द्वारा सुनी जानी चाहिये...

धर्म, संस्कृति, देश, आजादी, लोकतंत्र एवं संविधान बचाने के लिए हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है...

दुनिया में ईसाइयों के 147 देश हैं और मुसलमानों के 57 देश हैं जबकि सच्चाई यह है कि जबसे सृष्टि का उद्गम हुआ तब से सनातन धर्म है फिर भी एक भी हिन्दू राष्ट्र नहीं है!

बता दें कि ईसाई परंपरा की स्थापना 2000 साल पहले और इस्लामिक परंपरा की स्थापना 1400 साल पहले हुई फिर भी उनके इतने देश हो गये और सनातन हिन्दू धर्म सिमटता गया बड़ी दुःखद बात है! अब एक भारत ऐसा देश है जिसमें 80 प्रतिशत हिन्दू हैं लेकिन उन हिन्दुओं का धर्मान्तरण करवाया जा रहा है, जातियों में बांटकर लड़वाया जा रहा है, हिन्दूनिष्ठों व हिन्दू धर्मगुरुओं को झूठे केस में जेल में भिजवाया जा रहा है इससे साफ पता चलता है कि भारत में भी हिन्दू अपना अस्तित्व खो देंगे!

अब हिन्दुओं को जागना होगा और किसी भी हिन्दू पर अत्याचार हुआ तो उसके लिए एक होकर लड़ना होगा और भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए पुरजोश से प्रयत्न करना होगा तभी बच पायेगें नहीं तो खुद का धर्म भी खो देंगे!

धर्म बदलने पर राष्ट्र के प्रति आस्था भी बदल जाती है !

आदरणीय सावरकर जी कहते थे- हिन्दूओं की पुण्यभूमि भारत है इसलिए उनकी निष्ठा भारत में है, इसाई और मुस्लिम की पुण्यभूमि भारत के बाहर है !

जब एक सनातनी धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम या ईसाई बनता है तो उसकी निष्ठा भारत के लिए न होकर मक्का या वेटिकन के लिए हो जाती है ऐसे में वह भारत के लिए किसी कार्य को करने से पहले मक्का या वेटिकन के आदेश को मानेगा चाहे वो कार्य देशद्रोह ही क्यों न हो !

जब आपको बांटना हो तो वे "जाति" पूछते हैं!

और आपको काटना हो तो वे "धर्म" पूछते हैं!

इसलिए सेक्यूलरिज्म छोड़िए व सनातनी बनिए,

'जाति' को कभी 'धर्म' पर हावी मत होने दीजिए!

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भारत में शासन वही करेगा...

जो विकास के साथ हिंदू राष्ट्र की रक्षा करेगा...

सनातन भारतीय धर्म है,

ईसाई और इस्लाम विदेशी मजहब है।

ईसाई और इस्लाम मानने वालों की जनसंख्या बढ़ने से भारत वापस गुलाम बन जाएगा !

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